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‘तारसप्तक’ एक काव्य संग्रह है, इसका प्रकाशन 1943 ई. में हुआ था। इसमें सात कवियों की कविताएँ संकलित हैं। ‘तारसप्तक’ की परिकल्पना अज्ञेय की नहीं थी, यह ‘प्रभाकर माचवे’ और ‘नेमीचंद जैन’ के दिमाग की उपज माना जाता है। तारसप्तक के प्रकाशन से ही प्रयोगवाद का प्रारंभ माना जाता है। इसलिए प्रयोगवाद के प्रवर्तन का श्रेय ‘अज्ञेय’ को दिया जाता है।
> तारसप्तक (1943 ई.) संपादक अज्ञेय
> दूसरा सप्तक (1951 ई.) संपादक अज्ञेय
> तीसरा सप्तक (1957 ई.) संपादक अज्ञेय
> चौथा सप्तक (1979 ई.), संपादक सुमन राजे सह संपादक अज्ञेय
तारसप्तक, प्रकाशन वर्ष- (1943 ई.), संपादक अज्ञेय
> सच्चितानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ (1911-1987 ई.)
> रामविलास शर्मा (1912-2000 ई.)
> गजानंद माधव ‘मुक्तिबोध’ (1917-1964 ई.)
> प्रभाकर माचवे (1917-1991 ई.)
> गिरिजा कुमार माथुर (1918-1994 ई.)
> नेमीचंद जैन (1918-2005 ई. )
> भारत भूषण अग्रवाल (1919- 1975 ई.)
* ‘तारसप्तक’ में गजानंद माधव मुक्तिबोध की सत्रह (17) कविताएँ सबसे पहले संकलित हैं।
* नेमिचंद्र जैन की ग्यारह (11) कविताएँ संकलित हैं।
* भारत भूषण अग्रवाल की सोलह (17) कविताएँ संकलित हैं।
* प्रभाकर माचवे की छब्बीस (26) कविताएँ संकलित हैं।
* गिरिजा कुमार माथुर की चौबीस (24) कविताएँ संकलित हैं।
* रामविलास शर्मा की बीस (20) कविताएँ संकलित हैं।
* अज्ञेय की बाईस (22) कविताएँ संकलित हैं।
दूसरा सप्तक, प्रकाशन (1951 ई.), संपादक अज्ञेय
> शमशेरबहादुर सिंह (1911-1993 ई.)
> भवानीप्रसाद मिश्र (1913-1985)
> शकुंत माथुर (1922 ई.)
> हरिनारायण व्यास (1923-2013 ई.)
> नरेशकुमार मेहता (1924-2000 ई.)
> धर्मवीर भारती (1926-1997 ई.)
> रघुवीर सहाय (1929-1990 ई.)
‘दूसरा सप्तक’ में संकलित कवियों की कविताएँ:
* इसमें भवानीप्रसाद मिश्र की ग्यारह (11) कविताएँ संकलित हैं।
* शकुंत माथुर की ग्यारह (11) कविताएँ संकलित हैं।
* हरिनारायण व्यास की दस (10) कविताएँ संकलित हैं।
* शमशेरबहादुर सिंह की इक्कीस (21) कविताएँ संकलित हैं।
* नरेशकुमार मेहता की सात (7) कविताएँ संकलित हैं।
* रघुवीर सहाय की चौदह (14) कविताएँ संकलित हैं।
* धर्मवीर भारती की तेरह (13) कविताएँ संकलित हैं।
तीसरा सप्तक, प्रकाशन वर्ष- (1959 ई.), संपादक अज्ञेय
* प्रयागनारायण त्रिपाठी (1919 ई.)
* मदन वात्स्यायन (मूलनाम-लक्ष्मीनिवास सिंह), 1922-2004 ई.
* विजयदेवनारायण साही (1924-1982 ई.)
* सर्वेश्वरदयाल सक्सेना(1927-1983 ई.)
* कुँवरनारायण सिंह (1927-2017ई.)
* केदारनाथ सिंह (1932-2018 ई.)
* कीर्ति चौधरी (मूलनाम- कीर्तिबाला सिन्हा), 1935-2008 ई.
‘तीसरा सप्तक’ में संकलित कवियों की कविताएँ:
* इसमें प्रयागनारायण त्रिपाठी की तेईस (23) कविताएँ संकलित हैं।
* कीर्ति चौधरी की छब्बीस (26) कविताएँ संकलित हैं।
* मदन वात्स्यायन की दस (10) कविताएँ संकलित हैं।
* केदारनाथ सिंह की तेईस (23) कविताएँ संकलित हैं।
* कुँवरनारायण सिंह की इक्कीस (21) कविताएँ संकलित हैं।
* विजयदेवनारायण साही की बीस (20) कविताएँ संकलित हैं।
* सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की अट्ठारह (18) कविताएँ संकलित हैं।
चौथा सप्तक, प्रकाशन वर्ष- (1979 ई.), संपादक ‘सुमन राजे’, सह-संपादक ‘अज्ञेय’
* अवधेश कुमार (1945 ई.)
* राजकुमार कुंभज (1947 ई.)
* स्वदेश भारती (1939 ई.)
* नंदकिशोर आचार्य (1945 ई.)
* श्रीराम वर्मा (1931-1986 ई.)
* सुमन राजे (1938-2008 ई.)
* राजेंद्र किशोर
* अज्ञेय ने तारसप्तक के कवियों को ‘राहों का अन्वेषी’ कहा है।
* अज्ञेय ने प्रयोगवाद शब्द को अनुपयुक्त मानते हुए ‘दूसरा सप्तक’ की भूमिका में स्पष्ट किया है कि “प्रयोग का कोई वाद नहीं है” विरोध और अस्वीकृति के बाद भी प्रयोगवाद शब्द सर्वमान्य हो गया।